टीबी किया होती है?

टीबी-क्यों-होती-है

  • टीबी यह एक संक्रामक रोग है जो माइक्रो बैक्टीरियल ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया से होता है। टीबी आमतौर पर फेफड़ों को प्रभावित करता है लेकिन यह शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकता है। भारत में टीबी एक बड़ी समस्या है। साल 2018 में टीबी के चलते देश भर में 79 हजार 144 लोगों की जान चली गई थी। बड़ी बात तो ये है कि दुनिया भर के कुल टीबी के मामलों में से 27 फ़ीसदी अकेले भारत में ही सामने आते हैं। भारत के बाद टीबी के सबसे ज्यादा मामले चीन, इंडोनेशिया, फ़िलीपीन्स, पाकिस्तान, नाइजीरिया, में देखे गए हैं। 



टीबी इतना ज्यादा क्यों होता है? और क्यों इसकी वजह से इतनी ज्यादा मौतें होती हैं। 


  • टीबी के साथ समस्या ये है कि शुरुआत में ज्यादातर इसके कोई लक्षण नहीं होते यानी बीमारी सक्रिय नहीं होती। इसे अदृश्य टीबी कहा जाता है। हालांकि अदृश्य टीबी के करीब 10 फ़ीसदी मामले आगे चलकर सक्रिय हो जाते हैं और अगर इनका उचित इलाज न किया जाए तो आधे से ज्यादा पीड़ितों की मौत हो जाती है। 


टीबी के लक्षण किया है?


  • सक्रिय टीबी के प्रमुख लक्षणों में लगातार ख़ासी, बलगम, के साथ खून आना बुखार रात में पसीना आना और खासतौर से वजन कम होना शामिल अन्य अंगों में संक्रमण होने पर कई तरह के लक्षण दिख सकते हैं। जैसे रात में पसीने आना सू-जी हुई लसिका ग्रंथियां और वजन कम होना फेफड़ों में सक्रिय टीबी बहुत ही ज्यादा संक्रामक होता है। 


  • पीड़ित व्यक्ति हवा के ज़रिया यानी खांसने थूकने बोलने या छींकने पर भी दूसरे व्यक्ति में इसे फैला सकता है और सक्रिय टीबी होने की आशंका ज्यादा उनमें रहती है जो या तो एड्स जैसी बीमारी से जूझ रहे हों जिनके इम्यूनिटी कमजोर हो या जो धूम्रपान करते हैं। दूसरी तरफ जिन्हें अदृश्य टीबी होता है वे अन्य लोगों में टीबी नहीं फैलाते हैं। 


टीबी के निदान किया किया है


  • निदान की बात करें तो सक्रिय टीबी का निदान छाती के एक्स रे माइक्रोस्कोपिक जांच और मरीज़ के बाड़ी फ्लूइड के ज़रिया किया जाता है और अदृश्य टीबी का निदान टीबी कॉलिन या मैट्रेस के डस्ट और रक्त जांच के ज़रिया किया जाता है। टीबी की रोकथाम के लिए वायरस लोगों की जांच मामलों की जल्द पहचान और इलाज के साथ ही बीसी-जी वैक्सीन लगाई जाती है। 


  • हाईरिस्क लोग में होते हैं जो किसी सक्रिय टीबी के मरीज़ के संपर्क में आते हैं जैसे उनके दोस्त परिवार-जन या सहकर्मी टीबी के इलाज में कई तरह के एंटीबायोटिक्स का लंबे समय तक इस्तेमाल करना पड़ता है। हालांकि एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस की वजह से टीबी का इलाज मुश्किल होता जा रहा है। 


  • यही वजह है कि मल्टीपल ड्रग रेजिस्टेंट टीबी यानी एमडीआर टीबी और स्टैन असेंबली ड्रग रेजिस्टेंट टीबी यानी एक्सडीआर टीबी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। टीबी को लेकर घबरा-ने की जरूरत नहीं है। बैक्टीरिया पनपता है। वैज्ञानिक रिसर्च करते हैं। नए एंटीबायोटिक्स विकसित होते हैं। 


  • मेडिकल टेक्नोलॉजी लगातार आगे बढ़ रही है। समस्या गंभीर और वास्तविक है लेकिन अभी टीबी के खिलाफ जंग जारी है। यदि हम सही निर्णय लेंगे तो हर साल होने वाली कई मौतों के लिए एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस जिम्मेदार नहीं रहे और आखिरकार हम टीबी को जड़ से खत्म करने में सफल हो सकेंगे।